गोमा की फैल, बिजासन नगर, परदेशीपुरा जैसी बस्तियों में कोरोना के ज्यादा केस मिलने के बाद क्वारंटाइन सेंटरों में संदिग्धों को रखने का सिलसिला भी बढ़ गया है। 15 दिन पहले तक सेंटरों में संदिग्धों की संख्या घटकर 700 तक रह गई थी, लेकिन अब आंकड़ा 1300 तक पहुंच चुका है। इन सेंटरों में अकसर शारीरिक दूरी के नियम का उल्लंघन किया जा रहा है।
25 कमरे, सभी में एसी की सुविधा
द्वारकापुरी स्थित ताराकुंज गार्डन को 50 दिन से क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। शनिवार सुबह गार्डन के बाहर पुलिसकर्मियों का पहरा नजर आया। यहां 25 कमरे हैं जिनमें एसी की सुविधा भी है। 25 जमातियों को यहां ठहराया गया था। उनका क्वारंटाइन समय पूरा होने के बाद भी वे लगभग एक माह तक यहां रहे, क्योंकि वे सभी बाहर से आए थे। 3 से 5 मई तक ई पास जारी होने पर ये अपने-अपने वाहनों से रवाना हुए हैं। इसके बाद यहां शंकरगंज व अन्य जगहों से 55 लोगों को लाकर रखा गया है। 25 कमरों में एक-एक पलंग ही है। एक कमरे में उसी परिवार के अन्य सदस्यों को ठहराया गया है ताकि वे बार-बार बाहर न जाएं। पलंग नहीं होने से जमीन पर ही गद्दे की व्यवस्था की गई है। लोगों के लिए आइडीए की तरफ से सुबह चाय-नाश्ता, दोपहर व शाम का भोजन भेजा जा रहा है। इसके साथ ही सुबह 11 बजे व शाम 4 बजे आयुष विभाग की तरफ से काढ़ा दिया जा रहा है। रात के समय दो-तीन पुलिसकर्मी यहां ड्यूटी देते हैं।
सफाई की व्यवस्था, अलग-अलग शौचालय नहीं है!
दोपहर में सदर बाजार स्थित हज हाउस (अलशिफा नेशनल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) को सैनिटाइज किया जा रहा था। यहां ड्यूटी दे रहे एक डॉक्टर ने बताया कि 1 अप्रैल से यहां पॉजीटिव मरीजों के स्वजन को क्वारंटाइन किया जा रहा था। डॉक्टरों व प्रशासन की टीम का भी एक-एक सदस्य रहता है। रात में शिफ्ट के अनुसार पुलिस की ड्यूटी भी लगाई जाती है। यहां एक समय में 150 लोग भी ठहरे हैं। इनमें से कई लोगों में लक्षण दिखने के बाद उन्हें अरबिंदो अस्पताल भी शिफ्ट किया गया था। जब हज हाउस के अंदर पहुंचे तो यहां मास्क व पीपीई किट पहने कर्मचारी सफाई कर रहे थे। हज हाउस के अंदर कुछ हॉल व कमरों में लोगों को ठहराया जाता है। इनके लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है। एक साथ बने शौचालय ही ये सभी लोग उपयोग करते हैं। पिछले तीन-चार दिनों से इसे रोजाना सैनिटाइज किया जा रहा है। कुछ दिन बाद वापस यहां संदिग्ध लोगों को क्वारंटाइन किया जाएगा।
सरवटे बस स्टैंड क्षेत्र की सड़क सील, होटल बनी क्वारंटाइन सेंटर
सरवटे बस स्टैंड से सटी दोनों सड़कें सील कर प्रशासन ने पहरा बैठा दिया है। क्षेत्र की दो से ज्यादा होटलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। रेलवे ब्रिज से सरवटे की ओर जाने वाली सड़क के साथ ही सरवटे के सामने वाली सड़क जिस पर तमाम होटल और रेस्त्रां हैं, उस पर भी आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। इस रोड पर बैरिकेडिंग के साथ पुलिस ने पीपीई किट के साथ पहरा बैठा दिया है। एक अस्थायी टेंट लगाकर 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
दोपहर में लॉन में आ जाते है संदिग्ध
एमआर-10 रोड के समीप स्थित होटल निर्वाणा के 60 कमरों में 80 से ज्यादा लोग क्वारंटाइन हैं। ज्यादातर बस्तियों के लोग हैं जो एक-दूसरे से परिचित हैं। ऐसे में वे कमरों से बाहर निकलकर एक-दूसरे से बात करने लगते हैं। होटल का गेट दिनभर बंद रहता है और बाहर पुलिस जवान पहरा देते हैं। होटल के आसपास बैरिकेड भी लगाए गए हैं। शनिवार दोपहर यहां लॉन में कुछ लोग टहलते नजर आ रहे थे। शाम को टहलने वालों की संख्या और बढ़ जाती है। क्वारंटाइन सेंटरों में सुबह-शाम नाश्ता, चाय व दूध पहुंचाते हैं। दो बार खाना व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा दिया जा रहा है। सेंटरों में रुके लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए कहा जाता है।-विवेक श्रोत्रिय, क्वारंटाइन सेंटर प्रभारी