इंदौर जिले में सालभर में बाघ-तेंदुए की चार खाल बरामद, जांच एजेंसियों के शिकंजे से बाहर अंतर्राष्ट्रीय तस्कर

वन्यप्राणियों के अंगों की तस्करी से जुड़े मामले निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। सालभर के भीतर अकेले इंदौर और आसपास के इलाकों में बाघ-तेंदुए की खाल की तस्करी को लेकर चार प्रकरण सामने आए हैं,जिसमें महीनेभर में दो खाल जप्त की गई है। इन मामलों में अलग-अलग एजेंसियों ने करीब 12 तस्कर-शिकारी शामिल है। एजेंसियों की जांच सिर्फ शिकारी या फिर क्षेत्रीय तस्कर तक सीमित रह जाती है।अपराध में बड़े गिरोह व अंतर्राष्ट्रीय तस्करों की सक्रियता को लेकर अधिकारी दावे भी करते हैं।मगर ये एजेंसियों के शिकंजे से हमेशा बाहर निकल जाते है।यहां तक कई बड़े रसूखदारों का नाम भी उजागर नहीं होता है।

शिकारी आते ही बढ़ता है दबाव
एजेंसियों के मुताबिक तेंदुए-बाघ की खाल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में 30-80 लाख के बीच है।जबकि नाखून और दांत के लिए भी तस्कर लाख रुपये बेचने की कोशिश करते हैं। मगर एजेंसियां गिरोह की सिर्फ एक कड़ी यानी शिकारी व तस्कर तक पहुंच पाती है। सूत्रों के मुताबिक अधिकांश मामलों में शिकारियों को पकड़ने के बाद ही एजेंसियों पर दबाव आना शुरू हो जाता है। इसके चलते जांच आगे नहीं बढ़ती है।

करंट-पंजा से करते है शिकार
बाध-तेंदुए का शिकार अब सिर्फ बंदूक से नहीं किया जाता है। बल्कि शिकारियों ने नई तकनीक अपनाई है।करंट के तार व जालियां लगाकर वन्यप्राणियों का शिकार किया जाता है। जबकि जंगल में जगह-जगह में पंजा लगाकर भी जानवरों को पकड़ते है।वैसे इन दिनों शिकार का नया तरीका भी निकाला है। तेंदुए-बाघ की मौजदूगी वाले स्थान पर बने तालाब में जहरीली दवा का डाल देते है।
ये हैं मामले

लाकडाउन में ले ली जमानत
नवंबर 2020 में बड़वाह से स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की टीम ने संतोष तंवर और श्रीराम तंवर को तेंदुए की खाल की तस्करी में पकड़ा। पूछताछ में नेता व रसूखदार कमल दरबार का नाम सामने आया। जहां ये दोनों तस्कर नौकरी करते थे। प्रकरण में एसटीएसएफ ने कमल को आरोपी बनाया।मगर एक मर्तबा भी एसटीएसएफ को बयान दर्ज करवाने नहीं है। बल्कि अप्रैल 2021 में लाकडाउन के दौरान दरबार ने अग्रिम जमानत ले ली। सूत्रों के मुताबिक जमानत को लेकर लगाए आवेदन की जानकारी एसटीएसएफ के अधिकारियों को थी। दो महीने बाद जमानत को खारीज करने के लिए न्यायालय में याचिका लगाई है, लेकिन अभी तक दरबार पर शिकंजा नहीं कसा जा सका है।
20 साल पुरानी खाल

जनवरी 2021 में खजराना थाना ने तंत्र क्रिया और तस्करी से जुड़े एक मामले में तीन आरोपितों को पकड़ा।छानबीन करने के बाद महू से 20 साल पुरानी बाघ की खाल जप्त की गई।तस्करों से इसका सौदा करीब एक करोड़ में किया था। जबकि दो कछुए भी जप्त किए थे। तीन आरोपित के आगे एजेंसी की जांच नहीं बढ़ पाई। सूत्रों के मुताबिक रसूखदारों की भूमिका संदिग्ध

70 लाख में हुआ सौदा तय
20 नवंबर 2021 को खुडैल पुलिस ने पांच तस्कर व शिकारियों को गिरफ्तार किया। तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए जांच टीम ने तेंदुए की खाल का सौदा 70 लाख में तय किया।साथ ही छह नाखून भी जब्त किए है। मामले की जांच चल रही है।सूत्रों के मुताबिक गिरोह के कुछ तस्करों की जानकारी मिली है। इनकी तलाश में पुलिस जुट गई है।

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