धोखेबाज़ सभी उम्र के लोगों को निशाना बनाते हैं, लेकिन मध्यम आयु वर्ग और बुज़ुर्ग व्यक्ति विशेष रूप से कमज़ोर होते हैं। इन आम तरकीबों से सावधान और अवगत रहें:
1. TRAI फ़ोन घोटाला: धोखेबाज़ TRAI से होने का दावा करते हैं, और कहते हैं कि आपका मोबाइल नंबर अवैध गतिविधियों से जुड़ा हुआ है, और सेवाएँ निलंबित कर दी जाएँगी।
– वास्तविकता: TRAI सेवाएँ निलंबित नहीं करता; टेलीकॉम कंपनियाँ करती हैं।
2. सीमा शुल्क(Custom) पर पार्सल अटका हुआ: घोटालेबाज़ दावा करते हैं कि प्रतिबंधित सामान वाला पार्सल रोक लिया गया है और भुगतान की माँग करते हैं।
– कार्रवाई: फ़ोन काट दें और नंबर की रिपोर्ट करें।
3. डिजिटल गिरफ़्तारी: फ़र्जी पुलिस अधिकारी डिजिटल गिरफ़्तारी या ऑनलाइन पूछताछ की धमकी देते हैं।
– वास्तविकता: पुलिस डिजिटल गिरफ़्तारी या ऑनलाइन पूछताछ नहीं करती।
4. परिवार के सदस्य की गिरफ़्तारी: घोटालेबाज़ दावा करते हैं कि किसी रिश्तेदार की गिरफ़्तारी होगी और भुगतान की माँग करते हैं।
– कार्रवाई: कार्रवाई करने से पहले परिवार के सदस्यों से पुष्टि करें।
5. ट्रेडिंग करके जल्दी अमीर बनें: सोशल मीडिया विज्ञापन स्टॉक निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करते हैं।
– वास्तविकता: उच्च रिटर्न वाली योजनाएं संभावित रूप से घोटाले हैं।
6. बड़े पुरस्कारों के लिए आसान कार्य: घोटालेबाज सरल कार्यों के लिए उच्च रकम की पेशकश करते हैं, फिर निवेश के लिए कहते हैं।
– वास्तविकता: आसान पैसे वाली योजनाएं घोटाले हैं।
7. आपके नाम पर जारी क्रेडिट कार्ड: नकली अधिकारी फर्जी क्रेडिट कार्ड पर बड़े लेनदेन की पुष्टि करते हैं।
– कार्रवाई: अपने बैंक से जांच करें।
6. गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर करना: घोटालेबाज गलत लेनदेन का दावा करते हैं और रिफंड मांगते हैं।
– कार्रवाई: अपने बैंक से लेनदेन सत्यापित करें।
9. KYC समाप्त हो गया: घोटालेबाज लिंक के माध्यम से KYC अपडेट मांगते हैं।
– वास्तविकता: बैंकों को व्यक्तिगत रूप से KYC अपडेट की आवश्यकता होती है।
10. टैक्स रिफंड: धोखेबाज कर अधिकारी बनकर बैंक विवरण मांगते हैं।
– वास्तविकता: कर विभागों के पास पहले से ही बैंक विवरण हैं और वे सीधे संवाद करते हैं।
सुरक्षित रहें:
1. कार्रवाई करने से पहले जानकारी सत्यापित करें।
2. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
3. बैंकों के साथ लेन-देन की पुष्टि करें।
4. संदिग्ध कॉल/नंबर की रिपोर्ट करें।
5. उच्च-रिटर्न योजनाओं से सावधान रहें।
6. व्यक्तिगत रूप से केवाईसी अपडेट करें।
7. व्यक्तिगत/बैंक विवरण साझा न करें।
घोटालों की रिपोर्ट करें:
1. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800-11-4000)
2. साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in)
3. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग हेल्पलाइन(1930)
4. स्थानीय पुलिस स्टेशन
जानकारी रखें, सतर्क रहें!