इंदौर नगर निगम ने नियम बना दिया है कि सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे मुख्य चौराहे व खास जगहों पर,निजी प्रतिष्ठान भी लगाऐं, खैर अच्छा है।
अब आते हैं हम लगे हुए सीसीटीवी कैमरे पर और उनकी व्यवस्था पर, इंदौर के प्रशासनिक संकुल में 22सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, नब्बे फीसदी बंद है या कैमरों पर धुल जमी हुई है,। पुलिस थानों में अब लगेंगे जो लगे हैं अधिकांश समझ सकते हैं क्या औपचारिकता पूरी करते हैं।
शहर के अधिकांश धार्मिक स्थलों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं सरकारी नियंत्रण वाले खजराना गणेश मंदिर, बाबा रणजीत मंदिर, बिजासन माता मंदिर पर तो अन्य धार्मिक स्थलों पर भी संचालन करने वालों ने, तो क्या सभी काम कर रहे, व्यवस्थित रूप से रिकार्डिंग होती है, कैमरों का ऐंगल खुराफाती लोगों ने मोड़ा या ऊपर नीचे तो नहीं किया, कैमरे पर गंदगी तो नहीं,,,
सवाल आम आदमी की जरूरत का सुरक्षा का भी है। तथा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं तो अपराधिक घटनाएं करने वाले के मन में भय भी रहे तथा अपने कर्मचारियों में भी भय रहे।
पंरतु मेरी जानकारी में है कि मैटेनस सही तरीके से नहीं हो रहे,अगर होते तो मैटेनस साथ-साथ निगाहें तथा जागरुकता दोनों के परिणाम सामने आते।
आप बड़े बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान में जाए आपको लगेगा सीसीटीवी कैमरे का मतलब और उपयोगिता, कुछेक धार्मिक स्थलों पर भी,, बाकी राम भरोसे व्यवस्था चल रही,
मैं बिना तथ्य के कुछ भी नहीं लिखता और खूद को कसौटी पर रखकर,,,
आवश्यकता है कि सीसीटीवी कैमरे जहां जहां लगे हैं लगवाए गए हैं उनकी उपयोगिता सुनिश्चित हो,,, आवश्यकता है ।